वीर्य संबंधित रोगों के घरेलू उपचार: नपुसंकता, शीघ्रपतन, और स्वप्रदोष



1. शीघ्रपतन (Premature Ejaculation):


लहसुन की कली:

- 1-2 कली कच्चे लहसुन को चबाकर खाना और पानी पीना नजला जुकाम को कम करने में मदद कर सकता है।


पुदीना-मिर्च-तुलसी काढ़ा:

- 10 पत्ते पुदीना, 6 दाने काली मिर्च, 1 चुटकी सेंधा नमक, और 10 पत्ते तुलसी को मिलाकर काढ़ा बनाएं और रात को पीने से लाभ हो सकता है।


आँवला और शहद:

- आँवले का रस शहद में मिलाकर चाटने से शीघ्रपतन में राहत मिल सकती है।


राई:

- राई को पीसकर नाक पर लगाने से जुकाम में राहत मिल सकती है।


2. नपुसंकता (Erectile Dysfunction):


लहसुन का तेल:

- लहसुन का तेल लिंग पर लगाने से स्खलित होने में मदद कर सकता है।


गाय का घी + शहद + मुलहठी:

- 10 ग्राम घी + 5 ग्राम शहद + 10 ग्राम मुलहठी मिलाकर चाटने से नपुसंकता में आराम हो सकता है।


तुलसी से बीज और गुड़:

- गाय के गर्म द्रूध के साथ तुलसी से बीज और गुड़ बराबर मात्रा में मिलाकर लेने से नपुसंकता दूर हो सकती है।


3. स्वप्रदोष (Nightfall):


गुलकंद + गाय का दूध:

- गुलकंद को गाय के दूध में मिलाकर पीने से स्वप्रदोष में आराम मिल सकता है।


गाय के घी + तुलसी:

- प्रातः काल गाय के घी में तुलसी से बना तेल लिंग पर लगाने से स्वप्रदोष टूर हो सकता है।


आँवले का चूर्ण + मिश्री:

- प्रात'काल आँवले का चूर्ण और मिश्री बराबर मात्रा में मिलाकर लेने से स्वप्रदोष ठीक हो सकता है।


ये उपचार सावधानी से और वैद्यकीय सलाह के साथ किए जाने चाहिए। बीमारी के लक्षणों के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए एक चिकित्सक से सलाह लेना सबसे अच्छा है।