1. आँखों में दर्द और लाली:
सफेद प्याज का रस:
- सफेद प्याज के रस को आँखों में लगाने से दर्द में कमी हो सकती है और लाली बढ़ती हुई आँखों को शांति मिल सकती है।
बासी मुहँ की लार:
- उठकर बासी मुहँ की लार को आँखों में लगाने से आँखों के रोगों में राहत मिल सकती है।
त्रिफला चूर्ण, घी और शहद:
- त्रिफला चूर्ण, घी, और शहद को मिलाकर खाने से आँखों के रोगों में आराम हो सकता है।
देशी गाय का घी:
- आँखों में गाय के घी को लगाने से जलन में कमी हो सकती है और आराम मिल सकता है।
गुलाब जल में फूली फिटकरी:
- गुलाब जल में फूली फिटकरी को मिलाकर आँखों को धोने से जलन और सूजन में राहत मिल सकती है।
2. गुहेरी (Stye):
लौंग का तेल:
- लौंग को पानी में घिसकर लगाने से गुहेरी में राहत मिल सकती है।
रात्रि में भिगाएं हुए त्रिफला चूर्ण:
- रात्रि में भिगाएं हुए त्रिफला चूर्ण के पानी से आँखों को धोने से गुहेरी में लाभ हो सकता है।
गुलाब जल में छोटी हरड़:
- गुलाब जल में छोटी हरड़ को घिसकर बनाएं और इसे गुहेरी पर लगाने से आराम मिल सकता है।
3. मोतियाबिंद (Cataract):
गाजर का रस:
- गाजर के रस को सुबह शाम पीने से मोतियाबिंद में लाभ हो सकता है।
रात्रि में भिगाएं हुए लहसुन:
- रात्रि में भिगाएं हुए लहसुन की कालियों को खाने से आँखों को राहत मिल सकती है।
शुद्ध शहद:
- शुद्ध शहद को आँखों में लगाने से मोतियाबिंद में आराम हो सकता है।
सूखा धनियाँ, सौंफ और देशी शक्कर:
- सूखा धनियाँ, सौंफ, और देशी शक्कर को मिलाकर पाउडर बनाएं और सुबह-शाम जल से सेवन करें, इससे मोतियाबिंद में लाभ हो सकता है।
इन घरेलू उपायों को सवधानीपूर्वक और वैद्यकीय सलाह के साथ करना चाहिए। बीमारी के लक्षणों के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए एक चिकित्सक से सलाह लेना सबसे अच्छा है।